बीबीएमबी ने पंजाब को पानी से ज्यादा जख्म दिए: मंत्री बरिंदर गोयल
चंडीगढ़, 3 मई:
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री बरिंदर गोयल ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) की बैठक का बहिष्कार करते हुए केंद्र सरकार और बोर्ड पर पंजाब के साथ भेदभाव का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पंजाब किसी भी राज्य को पानी देने के खिलाफ नहीं है, बल्कि वह केवल अपने हिस्से के पानी की रक्षा कर रहा है।
गोयल ने कहा कि BBMB ने पंजाब को पानी से ज्यादा जख्म दिए हैं। डैम निर्माण के दौरान पंजाब के 370 गांव उजाड़े गए और 27 हजार एकड़ से ज्यादा उपजाऊ ज़मीन चली गई। लाखों लोग विस्थापित हुए, जिनमें से कई को आज तक मुआवजा तक नहीं मिला।
उन्होंने यह भी बताया कि इतने बलिदान के बाद भी पंजाब को केवल 35% पानी मिलता है, जबकि 65% पानी हरियाणा समेत बाहरी राज्यों को दे दिया जाता है। “हमने कभी इस पर आपत्ति नहीं की, क्योंकि पानी जीवन से जुड़ा विषय है। लेकिन अब हमारे हिस्से का पानी जबरदस्ती हरियाणा को देने की कोशिश हो रही है, जो पूरी तरह गलत है,” गोयल ने कहा।
मंत्री ने बताया कि हरियाणा को इस साल 2.987 एमएएफ पानी आवंटित हुआ था, लेकिन वह पहले ही 3.091 MAF पानी इस्तेमाल कर चुका है, जो तय सीमा से 3% अधिक है। वहीं पंजाब को 5.512 एमएएफ पानी आवंटित हुआ, लेकिन हमने केवल 4.925 एमएएफ खर्च किया और शेष 9% पानी संरक्षित रखा।
गोयल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पंजाब के इस जल संरक्षण प्रयास की सराहना करने के बजाय, BBMB पर दबाव डाल रही है कि वह यह बचा हुआ पानी हरियाणा को दे दे। उन्होंने इस फैसले को “एकतरफा और भेदभावपूर्ण” करार देते हुए केंद्र से इस पर पुनर्विचार करने की मांग की।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बयान पर भी गोयल ने सख्त प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पंजाब कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा और राजा वड़िंग से सार्वजनिक रूप से स्पष्ट करने को कहा कि क्या वे सुक्खू के बयान से सहमत हैं या नहीं। “इस मुद्दे पर चुप रहना भी पंजाब के साथ गद्दारी होगी,” गोयल ने चेताया।