Saturday, March 29, 2025

वित्त मंत्री चीमा ने उठाई हूच त्रासदियों बारे आवाज़: मेथनॉल के दुरुपयोग पर केंद्र को लिखा पत्र

May 14, 2025 10:01 PM
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वित्त मंत्री चीमा ने उठाई हूच त्रासदियों बारे आवाज़: मेथनॉल के दुरुपयोग पर केंद्र को लिखा पत्र

ज़हरीले रसायन को नियमित करने, अवैध शराब से होने वाली मौतों को रोकने के लिए कानून में तत्काल संशोधन की मांग की

चंडीगढ़, 14 मई

पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर केंद्र सरकार से उद्योग (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1951 के तहत मिथाइल अल्कोहल (मेथनॉल) के उपयोग को नियमित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की अपील की है। वित्त मंत्री द्वारा यह अनुरोध इस अत्यधिक ज़हरीले औद्योगिक रसायन के अनियमित उपयोग के कारण देश भर में बार-बार हूच त्रासदियों के होने और मासूम जानों के नुकसान के मद्देनजर किया गया है।

अपने पत्र में वित्त मंत्री ने मेथनॉल के उपयोग से तैयार नकली शराब के सेवन के कारण होने वाली बड़ी त्रासदियों का जिक्र करते हुए, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इस संबंध में आवश्यक सख्त कानून की कमी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मेथनॉल की दिखावट, गंध और नशा इथाइल अल्कोहल से मिलते-जुलते होने के कारण इसका नकली शराब बनाने में उपयोग किया जाता है, जिससे यह कई लोगों की मौत का कारण बनती है।

वित्त मंत्री ने कहा कि उद्योग (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1951 के तहत औद्योगिक अल्कोहल को नियमित करने की केंद्र सरकार की शक्तियों के बावजूद, मिथाइल अल्कोहल (मेथनॉल) एक ऐसे क्षेत्र में आता है जिससे निगरानी और प्रवर्तन में व्यवस्थित विफलताएं पेश आती हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि मौजूदा कानूनी ढांचा इस पदार्थ की आपूर्ति श्रृंखला की कमजोरियों को पर्याप्त हद तक संबोधित नहीं करता है और न ही यह ट्रैकिंग विधियों, खरीदारों के पंजीकरण, या अंतर-राज्यीय नियमों को अनिवार्य बनाता है।

वित्त मंत्री चीमा ने केंद्रीकृत और कानूनी रूप से लागू करने योग्य कार्रवाई की मांग करते हुए केंद्र सरकार से अपील की कि मेथनॉल को नियंत्रित करने के मामले को राष्ट्रीय हित में विचारा जाए। उन्होंने मिथाइल अल्कोहल (मेथनॉल) को स्पष्ट रूप से एक नियंत्रित उद्योग/पदार्थ के रूप में शामिल करने के लिए उद्योग (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1951 में तत्काल संशोधन की सिफारिश की। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही इस पदार्थ के निर्माण, बिक्री, भंडारण और परिवहन को नियमित करने के लिए विशिष्ट और बाध्यकारी नियम या अधिसूचनाएं जारी की जानी चाहिए।

वित्त मंत्री ने मेथनॉल के परिवहन को ट्रैक और ट्रेस करने के लिए बारकोडिंग या इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग, खरीदारों के अनिवार्य पंजीकरण और उपयोग संबंधी दस्तावेजों जैसे उपायों के संबंध में एक केंद्रीय आदेश लागू करने का सुझाव भी दिया। उन्होंने पूरक कानूनी प्रावधानों या एक समर्पित राष्ट्रीय कानून बनाने की भी मांग की, जिसके माध्यम से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक समान प्रवर्तन ढांचा स्थापित किया जा सके। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे कानून के तहत सख्त दंड प्रावधानों, वास्तविक समय निरीक्षण प्रोटोकॉल, और तत्काल अंतर-अधिकार क्षेत्र प्रवर्तन कार्रवाई करने की क्षमता होनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये उपाय न केवल नकली शराब के उत्पादन में मेथनॉल के दुरुपयोग को रोकेंगे, बल्कि औद्योगिक पारदर्शिता को भी मजबूत करेंगे और खतरनाक रसायनों तक अनधिकृत पहुंच को भी रोकेंगे।

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने अंत में ठोस कानून की अनुपस्थिति के संबंध में तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि नियामक अनुपस्थिति के कारण भविष्य में कोई भी जान न जाए। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत सरकार राष्ट्रीय महत्व के इस महत्वपूर्ण मामले पर गंभीरता से कार्रवाई करेगी।

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