Saturday, March 29, 2025

सुप्रीम पावर पर बहस फिर हुई तेज़, कपिल सिब्बल ने उपराष्ट्रपति को दिया करारा जवाब

April 22, 2025 4:55 PM
The Debate On Supreme Power Intensified Again, Kapil Sibal Gave A Convincing Answer To The Vice President

🗓 नई दिल्ली | मंगलवार, 22 अप्रैल 2025

लोकतंत्र में ‘सुप्रीम पावर’ किसके पास है — इस पर छिड़ी बहस एक बार फिर गरमा गई है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा संसद को लोकतंत्र की सबसे बड़ी संस्था बताने वाले बयान के बाद, वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने तीखा जवाब दिया है।

उपराष्ट्रपति ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में कहा था,

“लोकतंत्र में संसद सर्वोच्च है। संविधान कैसा होना चाहिए, यह तय करने का अधिकार सिर्फ सांसदों का है। इसे कोई भी चुनौती नहीं दे सकता।”

इस बयान के तुरंत बाद कपिल सिब्बल ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा:

“ना संसद और ना ही कार्यपालिका सुप्रीम है। संविधान ही सर्वोच्च है। संविधान की व्याख्या सुप्रीम कोर्ट ने की है और वही अब तक देश में लागू कानून की नींव रही है।”

इस प्रतिक्रिया के साथ ही एक बार फिर संसद बनाम न्यायपालिका की बहस ताजा हो गई है।
कपिल सिब्बल का यह बयान इस ओर इशारा करता है कि संविधान के ऊपर किसी भी संस्था को नहीं रखा जा सकता — न संसद को, न कार्यपालिका को।

इस विषय पर आगे भी राजनीतिक और संवैधानिक विशेषज्ञों की राय सामने आ सकती है, क्योंकि यह बहस अब केवल सैद्धांतिक नहीं, बल्कि व्यावहारिक और राजनीतिक मायनों में भी अहम होती जा रही है।

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