पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 20 वर्षीय आकाश खजुरिया की संदिग्ध और असामान्य मृत्यु के मामले में महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए
चंडीगढ़/मोहाली : – पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 20 वर्षीय आकाश खजुरिया की संदिग्ध और असामान्य मृत्यु के मामले में महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। आकाश, जो मोहाली के सीजीसी जंजेरी में बीएससी रेडियोलॉजी का छात्र था और खरड़ के अमायरा सिटी में रहता था, की 22 मार्च 2025 को अचानक मृत्यु हो गई थी। यह मामला उनके पिता भरत भूषण खजुरिया द्वारा दायर की गई पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका CRWP-4008-2025 से संबंधित है, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में जांच कराई जाए या एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जाए, क्योंकि स्थानीय पुलिस जांच को सही तरीके से आगे नहीं बढ़ा रही थी।
हाई कोर्ट के माननीय न्यायाधीश श्री राजेश भारद्वाज की पीठ ने 24 अप्रैल 2025 को इस मामले की सुनवाई की और फैसला सुनाया। याचिकाकर्ता के वकील चेतन सहगल ने बताया कि भरत भूषण खजुरिया ने 7 अप्रैल 2025 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), एसएएस नगर, मोहाली और अन्य अधिकारियों के समक्ष एक प्रतिनिधित्व (रिप्रेजेंटेशन) दायर किया था, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और न ही पुलिस जांच को आगे बढ़ा रही है।
मामले की पृष्ठभूमि
जम्मू के शक्ति नगर में रहने वाले भरत भूषण खजुरिया ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे आकाश, जो सीजीसी जंजेरी में पढ़ता था और खरड़ के अमायरा सिटी में रहता था, की मृत्यु संदिग्ध परिस्थितियों में हुई। 22 मार्च 2025 को आकाश के रूममेट अंश शर्मा के पिता सुरेश शर्मा ने भरत भूषण को फोन करके इसकी जानकारी दी, लेकिन मृत्यु के कारणों या परिस्थितियों के बारे में कुछ नहीं बताया गया। भरत भूषण ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस ने उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया और शव लेने के लिए खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवाए गए।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आकाश के रूममेट और उसके एक दोस्त, जिस पर आदतन अपराधी होने का आरोप है, के साथ संदिग्ध संबंध हो सकते हैं। भरत भूषण का कहना है कि मृत्यु के समय रूममेट मौके पर मौजूद था और संदेह है कि उसने सबूतों को नष्ट करने की कोशिश की। 16 दिन बाद भी कोई प्राथमिकी (FIR) दर्ज नहीं की गई और जांच सही ढंग से नहीं हो रही थी, जिसके कारण उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और याचिका दायर की।
हाई कोर्ट का निर्देश
सुनवाई के दौरान माननीय हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के वरिष्ठ डिप्टी एडवोकेट जनरल श्री तरुण अग्रवाल को नोटिस जारी कर मामले में सरकार का पक्ष सुना। अंत में, हाई कोर्ट ने एसएसपी, एसएएस नगर, मोहाली को निर्देश दिया कि वे भरत भूषण खजुरिया के 7 अप्रैल 2025 के प्रतिनिधित्व पर कानून के अनुसार एक महीने के भीतर निर्णय लें। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया।
परिवार की मांग
भरत भूषण खजुरिया ने अपील की है कि इस संदिग्ध मृत्यु की जांच को गंभीरता से लिया जाए और दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि आकाश की मृत्यु से वे गहरे मानसिक दुख में हैं और न्याय की उम्मीद करते हैं।