स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने छात्रों से एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी के बारे में जागरूक होने की अपील की
छात्रों को एनर्जी ड्रिंक्स और मादक पदार्थों से दूर रहने को कहा
पंजाब राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी ने चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, घड़ूआं में एचआईवी 2025 पर युवा संगोष्ठी का आयोजन किया
कार्यक्रम के दौरान पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया
साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर, 25 अप्रैल:
पंजाब राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी ने युवाओं को एचआईवी के बारे में जागरूक करने हेतु चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में एचआईवी 2025 पर युवा संगोष्ठी का आयोजन किया ताकि इस बीमारी के बारे में जागरूकता पैदा की जा सके। यह संगोष्ठी “जागरूक रहें, सावधान रहें, एचआईवी को समाप्त करें” विषय पर आयोजित की गई थी। कार्यक्रम की शुरुआत पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट के मौन के साथ हुई।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री, पंजाब डॉ. बलबीर सिंह ने विद्यार्थियों से अपने साथियों और आस-पास के लोगों को एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी के बारे में जागरूक करने की अपील की और कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को कम से कम 100 विद्यार्थियों को जागरूक करने का दायित्व निभाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं और एचआईवी के दुष्प्रभावों के बीच संबंध को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आज की संगोष्ठी का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना ही नहीं है, बल्कि युवाओं को स्वयं निर्णय लेने, सुरक्षित जीवन चुनने तथा समाज में परिवर्तन की वकालत करने के लिए तैयार करना भी है। उन्होंने युवाओं से एचआईवी और नशीली दवाओं के दुरुपयोग के मुद्दे पर खुलकर चर्चा करने की अपील की। कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से सच्ची और सटीक जानकारी फैलाएं। अपना एचआईवी परीक्षण करवाएं, जानकारी रखें और दूसरों को भी प्रेरित करें। उन्होंने विद्यार्थियों से एनर्जी ड्रिंक्स और मादक पदार्थों के सेवन से दूर रहने को कहा।
उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी द्वारा पंजाब भर में 725 कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में रेड रिबन क्लब चलाए जा रहे हैं। ये क्लब महज संगठन नहीं हैं, बल्कि युवाओं के लिए एक मंच प्रदान करते हैं जहां एचआईवी की रोकथाम, जांच और सुरक्षित व्यवहार के बारे में जागरूकता फैलाई जाती है।
उन्होंने कहा कि नशा एक गंभीर समस्या है जिसने कई युवाओं के सपनों और जीवन को निगल लिया है। हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान ने नशे के खिलाफ जंग शुरू की है। इसके तहत मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने और पीड़ितों के उपचार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। क्योंकि नशीली दवाओं की लत न केवल शारीरिक या मानसिक विनाश लाती है, बल्कि उच्च जोखिम वाले व्यवहारों को भी जन्म देती है, जैसे सुइयों को साझा करना, जिससे एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और सी फैलने का सबसे अधिक खतरा होता है।
उन्होंने कहा कि 43 ओएसटी केन्द्रों के माध्यम से नशे की लत से ग्रस्त युवाओं को मुफ्त उपचार प्रदान किया जा रहा है, जबकि 31 सुरक्षा क्लीनिकों के माध्यम से एसटीआई/आरटीआई संक्रमण का मुफ्त उपचार प्रदान किया जा रहा है। सुरक्षित रक्त आधान के उद्देश्य से 183 रक्त केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां एचआईवी सहित 5 प्रमुख बीमारियों की जांच के बाद ही रक्त चढ़ाया जाता है। इनके अलावा, 72 लक्षित हस्तक्षेप परियोजनाएं भी चलाई जा रही हैं, जो एफएसडब्ल्यू, आईडीयू, प्रवासियों, ट्रक ड्राइवरों और अन्य जैसे उच्च जोखिम वाले समूहों को एचआईवी से बचाने के लिए काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि एचआईवी/एड्स से पीड़ित लोगों के प्रति भेदभाव को रोकने के लिए पंजाब में एचआईवी/एड्स रोकथाम एवं नियंत्रण अधिनियम 2017 लागू किया गया है। उन्होंने विद्यार्थियों से योग, खेल आदि के माध्यम से अपने जीवन को स्वस्थ रखने की भी अपील की।
कार्यक्रम के दौरान, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा एचआईवी/एड्स और नशीले पदार्थों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) मनप्रीत सिंह मन्ना, प्रो कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) दविंदर सिंह, पंजाब राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के अतिरिक्त परियोजना निदेशक डॉ. बॉबी गुलाटी, एस.डी.एम. खरड़ गुरमंदर सिंह, सहायक सिविल सर्जन डॉ. रेणु सिंह और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।