मत्स्य पालन के आधुनिकीकरण पर प्रधानमंत्री की समीक्षा बैठक
प्रधानमंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की
15 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर मत्स्य पालन क्षेत्र की प्रगति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) और क्षेत्रीय जल से बाहर समुद्र में मत्स्य पालन पर चर्चा हुई।
स्मार्ट तकनीकों का उपयोग आवश्यक
प्रधानमंत्री ने मत्स्य पालन के आधुनिकीकरण के लिए स्मार्ट तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने उपग्रह प्रौद्योगिकी और ड्रोन के व्यापक उपयोग की बात कही। इसके साथ ही स्मार्ट बंदरगाहों के माध्यम से मछली के परिवहन और विपणन को बेहतर बनाने की जरूरत बताई।
मछली तकनीक अपनाने का सुझाव
प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे कृषि क्षेत्र में एग्रो-टेक इस्तेमाल हो रहा है, वैसे ही मत्स्य पालन क्षेत्र में मछली तकनीक को अपनाना चाहिए। इससे उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन में सुधार होगा। साथ ही, उन्होंने निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करने पर भी चर्चा की।
ड्रोन से ताजी मछली पहुंचाने की योजना
प्रधानमंत्री ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय के परामर्श से ड्रोन के जरिए ताजी मछली को बाजारों तक पहुंचाने की योजना तैयार करने को कहा। यह योजना मछुआरों की आमदनी बढ़ाने में मदद करेगी।
अमृत सरोवरों और सजावटी मत्स्य पालन
प्रधानमंत्री ने अमृत सरोवरों में मत्स्य पालन बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इससे मछुआरों की आजीविका सुधरेगी। इसके अलावा, सजावटी मत्स्य पालन को भी आय सृजन का नया जरिया माना गया।
समुद्री शैवाल के विविध उपयोग
उन्होंने समुद्री शैवाल के उपयोग के नए रास्ते खोजने को कहा। इसका इस्तेमाल ईंधन, पोषण, फार्मास्यूटिकल्स और अन्य क्षेत्रों में किया जा सकता है। इसके लिए विभिन्न विभागों को मिलकर काम करना होगा।
भूमि से घिरे क्षेत्रों के लिए रणनीति
प्रधानमंत्री ने उन इलाकों के लिए विशेष रणनीति बनाने को कहा, जो समुद्री क्षेत्र से दूर हैं लेकिन मछली की मांग ज्यादा है। इससे पूरे देश में मछली की आपूर्ति संतुलित होगी।
सरकारी निवेश और प्रगति
बैठक में बताया गया कि सरकार ने 2015 से मत्स्य पालन में 38,572 करोड़ रुपये निवेश किए हैं। परिणामस्वरूप, 2024-25 में भारत ने 195 लाख टन मछली उत्पादन किया। यह पिछले साल की तुलना में 9% अधिक है।
संबंधित अधिकारी और मंत्री मौजूद थे
बैठक में केंद्रीय मत्स्य पालन मंत्री राजीव रंजन सिंह, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी.के. मिश्रा, सलाहकार अमित खरे और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।