डॉ. मांडविया ने कहा, दीव में खेलो इंडिया बीच गेम्स सभी प्रकार के खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के भारत के प्रयास को दर्शाता है
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को खेलों की ‘परिवर्तनकारी शक्ति’ का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे खेलो इंडिया बीच गेम्स देश के खेल इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम है। केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव में खेल आयोजकों और भारतीय खेल प्राधिकरण को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बीच गेम्स इस साल भारत में खेलों की दुनिया में विशेष लहर साबित होंगे।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि खेलो इंडिया बीच गेम्स के आयोजन स्थल के रूप में दीव का चयन बिल्कुल सही रहा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “सूर्य, रेत और पानी के संगम हमारी तटीय विरासत का जश्न है और यहां शारीरिक चुनौतियों का विस्तार होता है।” उन्होंने यह भी बताया, “लहरों के तट से टकराने प्रक्रिया और खिलाड़ियों के बीच प्रतिस्पर्धा साथ-साथ चलती हैं। भारत इस आयोजन के साथ खेलों के इतिहास में एक नया अध्याय लिखेगा।”
खेलो इंडिया मुहिम के तहत पहली बार आयोजित इन बीच गेम्स की औपचारिक घोषणा सोमवार को केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने दीव के घोघला बीच पर एक रंगारंग समारोह में की।
खेलो इंडिया बीच गेम्स में 30 से ज़्यादा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 1,350 से ज़्यादा एथलीट शामिल हो रहे हैं। खेलों का समापन 24 मई को होगा। एथलीट फ़ुटबॉल, वॉलीबॉल, सेपकटकरा, कबड्डी, पेनकसिलाट और ओपन वॉटर स्विमिंग में हिस्सा लेंगे और पदक के लिए अपनी चुनौती पेश करेंगे। मल्लखंब और रस्साकशी को (प्रदर्शन) खेल के रूप में शामिल किया गया है, इसलिए इन दोनों खेलों में पदक नहीं दिए जाएंगे। सोमवार की सुबह बीच सॉकर के मुकाबले हुए।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “हमारा देश विविधतापूर्ण है और हमारे यहां खेलों में हमेशा एक अनूठी शक्ति रही है जो संस्कृतियों, क्षेत्रों और भाषाओं को जोड़ती है। खेलों की जीवंत ऊर्जा मनोरंजन से कहीं आगे की बात है और अब यह एक परिवर्तनकारी शक्ति बन गई है, जो राष्ट्रीय गौरव और हमारे युवाओं की आकांक्षाओं की प्रतीक है। इस संदर्भ में खेलो इंडिया बीच गेम्स का महत्व और भी बढ़ जाता है।”