हरियाणा के इतिहास में पहली बार विधानसभा सचिव के पद पर एच.सी.एस. अधिकारी आसीन
2016 बैच के एच.सी.एस. राजीव प्रसाद को किया गया तैनात
विधानसभा सचिवालय सेवा नियमानुसार प्रदेश सरकार द्वारा स्पीकर से परामर्श कर की जा सकती सचिव पद पर नियुक्ति, हालांकि मौजूदा नियमों में सचिव पद की योग्यता में एच.सी.एस. अधिकारी का उल्लेख नहीं — एडवोकेट
चंडीगढ़ – हरियाणा के इतिहास में पहली बार प्रदेश विधानसभा के सचिव पद पर हरियाणा सिविल सेवा- एच.सी.एस. (ई.बी.- कार्यकारी शाखा) रैंक के एक अधिकारी की तैनाती की गई है. रविवार 20 जुलाई 2025 को राज्य सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा जारी 44 एच.सी.एस. अधिकारियों के सम्बन्ध में जारी ताज़ा तैनाती-तबादला आदेश में 2016 बैच के एच.सी.एस. राजीव प्रसाद, जो इससे पहले कोआपरेटिव शुगर मिल्स, करनाल में बतौर प्रबंध निदेशक (एम.डी.) कार्यरत थे, उन्हें हरियाणा विधानसभा में सचिव पद पर तैनात किया गया है.
बहरहाल, इस सबसे बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट और विधायी मामलों के जानकार हेमंत कुमार ने बताया कि गत वर्ष 31 मार्च 2024 को विधानसभा के तत्कालीन सचिव राजेंद्र कुमार नांदल की सेवानिवृत्ति के बाद प्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा सचिवालय कैडर के एक वरिष्ठ अधिकारी और तत्कालीन स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता के ओ.एस.डी. डॉ. सतीश कुमार, जो अतिरिक्त सचिव रैंक में है, को वि.स. सचिव पद का कार्यभार सौंपा गया था हालांकि आज तक उनकी नियमित तौर पर विधानसभा सचिव पद पर नियुक्ति नहीं की हुई.
हेमंत ने आगे बताया कि हरियाणा विधानसभा सचिवालय सेवा नियम, 1981 अनुसार हालांकि विधानसभा के सभी पदों की नियुक्ति स्पीकर द्वारा की जा सकती है परन्तु जहाँ तक विधानसभा सचिव के पद का प्रश्न है, तो इस पद पर प्रदेश सरकार द्वारा स्पीकर से परामर्श कर सचिव की नियुक्ति की जाती है.
जहाँ तक विधानसभा सचिव के लिए निर्धारित योग्यता एवं अनुभव का विषय है, हेमंत ने बताया कि इस पद के लिए सीधी भर्ती द्वारा, प्रमोशन द्वारा, ट्रांसफर द्वारा और डेपुटेशन (प्रतिनियुक्ति) द्वारा नियुक्ति की जा सकती है. जहाँ तक सीधी भर्ती का विषय है, तो इसके लिए विधि स्नातक अर्थात लॉ डिग्री (प्रोफेशनल ) के साथ साथ या तो सचिवालय प्रशासन, संसदीय प्रक्रिया और विधानसभा के नियमों के व्यवहारिक ज्ञान और पर्यवेक्षीय क्षमता के तौर पर आठ वर्ष का अनुभव अथवा अधीनस्थ न्यायालय में वकील के तौर पर 10 वर्षो की प्रैक्टिस या हाई कोर्ट में वकील के तौर पर 5 वर्ष की प्रैक्टिस होनी चाहिए. जहाँ तक प्रमोशन से विधानसभा सचिव पद पर नियुक्ति का विषय है, तो विधानसभा सचिवालय में एक वर्ष के अनुभव वाला अतिरिक्त सचिव इस पद के लिए योग्य है. इसके अतिरिक्त उपयुक्त ग्रेड का प्रदेश कैडर का आईएएस अधिकारी एवं प्रदेश के महाधिवक्ता (एडवोकेट जनरल) कार्यालय में तैनात सहायक महाधिवक्ता, उप -महाधिवक्ता और वरिष्ठ उप महाधिवक्ता, जो पब्लिक प्रासीक्यूटर नियुक्त होने के योग्य हो, वह भी ट्रान्सफर आधार पर विधानसभा सचिव बन सकता है. इसी प्रकार प्रदेश के वरिष्ठ जुडिशल सेवा कैडर अर्थात अतिरिक्त डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज रैंक का न्यायिक अधिकारी भी प्रतिनियुक्ति पर विधानसभा सचिव बन सकता है. अब चूँकि वि.स. सचिव पद की योग्यता के लिए उपरोक्त सेवा नियमों में एच.सी.एस. अधिकारी का उल्लेख नहीं है, इसलिए राजीव प्रसाद की वि.स. सचिव पद पर तैनात के लिए सेवा नियमों में उपयुक्त संशोधन करना पड़ सकता है. हरियाणा विधानसभा के इतिहास में आजतक केवल एक बार सचिव पद पर करीब दो सप्ताह के लिए नरेश गुलाटी, आईएएस को तैनात किया गया था.